Sukanya Samriddhi Yojana:आज के समय में बेटियों की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने 22 जनवरी 2015 को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की शुरुआत की। यह योजना बेटियों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योजना का उद्देश्य और पात्रता
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना किसी भी भारतीय बालिका के जन्म से लेकर दस वर्ष की आयु तक के लिए उपलब्ध है। माता-पिता या कानूनी अभिभावक अपनी बेटी के नाम पर यह खाता खोल सकते हैं।
जमा राशि और ब्याज दर
सुकन्या समृद्धि खाते में सालाना जमा की सीमा
इस खास बचत योजना में, आप हर साल कम से कम 250 रुपये डाल सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख रुपये तक जमा करने की छूट है। यानी आपकी जेब और सुविधा के हिसाब से आप पैसे बचा सकते हैं।
कर लाभ और आर्थिक सुरक्षा
इस योजना में निवेश करने पर कई कर लाभ मिलते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत जमा की गई राशि, प्राप्त ब्याज और परिपक्वता राशि तीनों ही कर-मुक्त हैं। यह न केवल निवेशकों को कर बचत में मदद करता है, बल्कि बेटियों के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।
खाता खोलने की प्रक्रिया
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलना बहुत आसान है। आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का पहचान प्रमाण, और निवास प्रमाण देना होगा।
नियमित बचत का महत्व
इस योजना की सफलता के लिए नियमित बचत बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप प्रति वर्ष ₹10,000 जमा करते हैं, तो 18 वर्ष की अवधि पूरी होने पर आपको लगभग ₹4,61,829 की राशि मिल सकती है। यह राशि आपकी बेटी की उच्च शिक्षा या विवाह में बहुत सहायक हो सकती है।
योजना के लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना के कई फायदे हैं। यह न केवल बेटियों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि माता-पिता को वित्तीय नियोजन और बचत की आदत डालने में भी मदद करती है। इसके अलावा, यह योजना समाज में बेटियों के महत्व को बढ़ावा देने में भी सहायक है।