Kharif crop insurance:प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर रखना और कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देना है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।
बीमा करवाने की अंतिम तिथि
खरीफ फसलों का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। किसानों को इस तारीख से पहले अपनी फसलों का बीमा करवाना चाहिए।
प्रीमियम और दावा भुगतान
इस योजना के तहत किसानों को केवल 2% प्रीमियम का भुगतान करना होता है। प्रति हेक्टेयर 940 रुपये का प्रीमियम निर्धारित किया गया है। फसल नुकसान होने पर अधिकतम 47,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक का भुगतान किया जा सकता है। यह राशि नुकसान के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है।
बीमा कंपनियों का आवंटन
मध्य प्रदेश में अलग-अलग जिलों में चार अलग-अलग बीमा कंपनियां फसल बीमा कर रही हैं। इनमें एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी, इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो और एसबीआई जनरल कंपनी शामिल हैं।
योग्यता और आवेदन प्रक्रिया
अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल की खेती करने वाले सभी किसान इस योजना के लिए पात्र हैं। ऋणी किसानों का बीमा उनके संबंधित बैंक द्वारा किया जाएगा। गैर-ऋणी किसान किसी भी बैंक में आवेदन कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
गैर-ऋणी किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
1. नवीनतम भू-अधिकार पुस्तिका
2. बुवाई प्रमाण-पत्र
3. बैंक पासबुक की कॉपी
4. आधार कार्ड की कॉपी
5. प्रीमियम राशि
आकस्मिक नुकसान की रिपोर्टिंग
किसी आपदा या नुकसान की स्थिति में, किसानों को 72 घंटे के भीतर संबंधित बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर सूचना देनी होगी।
आवेदन के विकल्प
किसान निम्नलिखित माध्यमों से फसल बीमा करवा सकते हैं:
1. प्राथमिक कृषि सहकारी संस्था
2. जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
3. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
4. व्यावसायिक बैंक
5. सामान्य सेवा केंद्र
6. pmfby.gov.in वेबसाइट
7. फसल बीमा ऐप
सावधानियां
1. ऋणी किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि वे ओवरड्यू न हों, अन्यथा उनका बीमा नहीं हो पाएगा।
2. बीमित फसल के नाम में परिवर्तन की सूचना अंतिम तिथि से दो दिन पहले देनी होगी।