diesel subsidy scheme:पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें हर वर्ग को प्रभावित कर रही हैं, जिसमें किसान भी शामिल हैं। खेती के कामों में डीजल की अहम भूमिका को देखते हुए, राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आइए जानें इस डीजल अनुदान योजना के बारे में विस्तार से।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत देना है। खरीफ सीजन में सिंचाई के लिए डीजल पंप सेट पर खर्च होने वाले डीजल पर किसानों को सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उनकी खेती की लागत कम होगी।
अनुदान का विवरण
• डीजल की खरीद पर किसानों को प्रति लीटर 75 रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।
• किसानों को 750 रुपए प्रति एकड़, प्रति सिंचाई की दर से सब्सिडी मिलेगी।
• धान और जूट के लिए अधिकतम 2 सिंचाई तक 1500 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी।
• अन्य खरीफ फसलों के लिए अधिकतम 3 सिंचाई तक 2250 रुपए प्रति एकड़ की सब्सिडी।
• यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ भूमि तक सीमित है।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
1. किसान पंजीकरण संख्या
2. पासपोर्ट साइज फोटो
3. आधार से लिंक मोबाइल नंबर
4. निवास प्रमाण-पत्र
5. डीजल विक्रेता की डिजिटल रसीद
6. बैंक खाते का विवरण
आवेदन प्रक्रिया
बिहार के किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कृषि विभाग, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। किसानों के लिए अतिरिक्त सूचना प्राप्त करने का सरल उपाय है। वे अपने क्षेत्र के कृषि कार्यालय में जाकर या फोन द्वारा संपर्क कर सकते हैं |
योजना का महत्व
यह योजना कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
1. किसानों की आर्थिक मदद: बढ़ती डीजल कीमतों के बोझ को कम करके किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी।
2. खेती को प्रोत्साहन: कम लागत से किसान अधिक क्षेत्र में खेती कर सकेंगे।
3. फसल विविधता: विभिन्न फसलों के लिए अलग-अलग अनुदान से फसल विविधता को बढ़ावा मिलेगा।
4. खाद्य सुरक्षा: बेहतर सिंचाई से उत्पादन बढ़ेगा, जो खाद्य सुरक्षा में योगदान देगा।