LPG Gas Cylinder Price:कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई है, जो व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। इस कटौती से छोटे और बड़े व्यवसायों को लाभ मिलने की उम्मीद है।यह नई कीमतें देश के विभिन्न शहरों में लागू हो गई हैं। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।
कमर्शियल गैस सिलेंडर के नए दाम
देश के प्रमुख महानगरों में कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में ₹31 की कटौती की गई है। इसका प्रभाव निम्नलिखित शहरों में देखा जा सकता है:
1. दिल्ली: यहाँ कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1676 रुपये से घटकर 1646 रुपये हो गई है।
2. कोलकाता: पहले 1787 रुपये था, अब 1756 रुपये में उपलब्ध है।
3. मुंबई: 1629 रुपये से घटकर 1598 रुपये हो गया है।
4. चेन्नई: यहाँ नई कीमत 1809.50 रुपये है।
यह कटौती व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर छोटे व्यवसायों और रेस्तरां के लिए, जो बड़ी मात्रा में एलपीजी का उपयोग करते हैं।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अभी भी पुराने स्तर पर, परिवारों को किफायती गैस की प्रतीक्षा।
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे व्यवसायियों को राहत मिलेगी, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम यथावत रहे हैं। पिछली बार 9 मार्च 2024 को घरेलू सिलेंडरों की कीमतों में ₹100 की कटौती की गई थी। वर्तमान में घरेलू सिलेंडर की कीमतें इस प्रकार हैं:
1. दिल्ली: 803 रुपये
2. कोलकाता: 829 रुपये
3. मुंबई: 802.50 रुपये
4. चेन्नई: 818.50 रुपये
कीमतों में गिरावट का प्रभाव
कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में यह गिरावट कई व्यवसायों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इससे उनके परिचालन लागत में कमी आएगी, जिसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिल सकता है। रेस्तरां, होटल, और अन्य खाद्य-संबंधित व्यवसायों को इससे विशेष लाभ होगा।
हालांकि, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कोई राहत नहीं मिली है, क्योंकि उनके सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। फिर भी, पिछले महीने की गई ₹100 की कटौती से उन्हें कुछ राहत मिली थी।
कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में यह गिरावट व्यावसायिक क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह कदम मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। हालांकि, आम जनता को घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में और राहत की उम्मीद है। सरकार और तेल कंपनियों से अपेक्षा है कि वे भविष्य में इस दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाएंगे।