PM Fasal Bima Yojana:किसानों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाती है। हालांकि, हरियाणा के कुछ जिलों में इस योजना के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां सामने आ रही हैं।
योजना का महत्व और कवरेज
पीएमएफबीवाई खरीफ और रबी दोनों मौसमों की फसलों के साथ-साथ बागवानी और वाणिज्यिक फसलों को भी कवर करती है। यह योजना किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, जो कृषि क्षेत्र में अनिश्चितताओं को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है।
हरियाणा में योजना की स्थिति
हरियाणा के 22 जिलों में से 15 जिलों में यह योजना लागू है। ये जिले तीन क्लस्टरों में बांटे गए हैं:
1. क्लस्टर 1: पंचकूला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फरीदाबाद, कैथल, भिवानी और रेवाड़ी
2. क्लस्टर 3: यमुनानगर, पानीपत, पलवल, रोहतक, फतेहाबाद, झज्जर, मेवात और चरखी दादरी
चुनौतियां और समस्याएं
क्लस्टर 2 के सात जिलों – अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम – में योजना लागू नहीं हो पा रही है। इसका मुख्य कारण है कि कोई भी बीमा कंपनी इन क्षेत्रों में योजना को लागू करने के लिए तैयार नहीं है। इसके परिणामस्वरूप, इन जिलों के किसान लगातार तीसरे फसल सीजन से योजना के लाभों से वंचित हैं।
किसानों की चिंताएं
हिसार जैसे जिलों में, जहां लगभग दो लाख किसान कपास, धान, बाजरा और ग्वार की खेती करते हैं, फसल बीमा कवरेज की कमी एक बड़ी चिंता का विषय है। किसानों का कहना है कि 2016 से योजना शुरू होने के बावजूद, उन्हें अभी तक उचित बीमा कवर नहीं मिला है।
प्रशासन का दृष्टिकोण
हिसार के कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, क्लस्टर 2 में योजना को लागू करने में मुख्य बाधा यह है कि कोई भी बीमा कंपनी इस क्षेत्र में काम करने को तैयार नहीं है।
योजना के तहत बीमा राशि
हरियाणा में खरीफ की फसलों के लिए निर्धारित बीमा राशि इस प्रकार है:
– धान: 96,371 रुपए प्रति हेक्टेयर
– बाजरा: 46,456 रुपए प्रति हेक्टेयर
– मक्का: 49,421 रुपए प्रति हेक्टेयर
– कपास: 98,595 रुपए प्रति हेक्टेयर
– मूंग: 43,243 रुपए प्रति हेक्टेयर