PM Kisan Yojana:वित्तीय वर्ष 2024-25 के आगामी बजट को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े विभिन्न संगठनों ने अपनी मांगें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष रखी हैं। इन संगठनों में भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच शामिल हैं। उन्होंने अपने महत्वपूर्ण मुद्दों को बजट में शामिल करने की मांग की है।
किसान सम्मान निधि में वृद्धि की मांग
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी ने 12 प्रमुख मांगों की सूची प्रस्तुत की है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण मांग किसान सम्मान निधि को मौजूदा 6,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 से 12,000 रुपये सालाना करने की है। चौधरी के अनुसार, 2018-19 में शुरू की गई इस योजना के बाद से खेती की लागत और महंगाई बढ़ी है, साथ ही किसानों की चुनौतियां भी बढ़ी हैं। इसलिए सम्मान निधि में वृद्धि आवश्यक है।
सिंचाई और नदी जोड़ो परियोजना पर ध्यान
किसान संघ ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा की मांग की है। साथ ही, नदियों को जोड़ने की परियोजना के लिए अधिक धन आवंटित करने का सुझाव दिया है। ये दोनों कदम किसानों को पानी की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करेंगे।
सब्सिडी का प्रत्यक्ष लाभ किसानों को
वर्तमान में, सरकार किसानों के नाम पर कंपनियों को भारी सब्सिडी देती है, लेकिन इसका सीधा लाभ किसानों तक नहीं पहुंचता। किसान संघ ने मांग की है कि उर्वरक समेत अन्य प्रकार की सब्सिडी सीधे डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से किसानों के खातों में भेजी जाए।
कृषि उपकरणों पर कर राहत
संगठन ने कृषि उपकरणों की खरीद पर किसानों को जीएसटी से छूट देने या फिर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ देने की मांग की है। यह कदम किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण खरीदने में मदद करेगा।
स्थानीय बाजार और सौर ऊर्जा का प्रोत्साहन
किसानों को उचित मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में स्थानीय हाट बाजार स्थापित करने की मांग की गई है। इसके अलावा, सौर ऊर्जा के बहुउद्देशीय उपयोग पर जोर दिया गया है। चौधरी ने सुझाव दिया कि सौर ऊर्जा से चलने वाले ट्यूबवेल के अलावा, चारा काटने की मशीन, चक्की और घरेलू बिजली की जरूरतों के लिए भी सौर ऊर्जा का विकल्प दिया जाए।