Urea Subsidy Yojana:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इनमें से सबसे प्रमुख है यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखना और सल्फर कोटेड यूरिया की शुरुआत करना। आइए इन निर्णयों के बारे में विस्तार से जानें।
यूरिया सब्सिडी योजना का विस्तार
सरकार ने किसानों को सस्ती दरों पर यूरिया उपलब्ध कराने के लिए यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने का फैसला किया है। इस योजना के लिए 3,70,128.7 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय के तहत, किसानों को 45 किलो यूरिया का पैकेट मात्र 242 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि इसकी वास्तविक कीमत लगभग 2200 रुपये है।
मंत्रिमंडल ने पहली बार सल्फर कोटेड यूरिया की शुरुआत को मंजूरी दी है। यह नीम कोटेड यूरिया से भी बेहतर माना जा रहा है। सल्फर कोटेड यूरिया से मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होगी, जिससे फसल की उत्पादकता में वृद्धि होगी। यह नवाचार किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
सरकार ने यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए एक नई पहल की है। अब देश में सभी यूरिया उर्वरक “भारत” नाम से बिकेंगे। इससे फर्टिलाइजर की चोरी और कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा। सभी कंपनियों को एक ही दाम पर उर्वरक बेचने के निर्देश दिए गए हैं।
सब्सिडी का लाभ और पात्रता
यह सब्सिडी सिर्फ सोसायटी से खाद खरीदने वाले किसानों को ही दी जाएगी। सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में जमा की जाएगी। भारत के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे सोसायटी से खाद खरीदें।
अंतरराष्ट्रीय मूल्य और भारतीय किसानों को राहत
वर्तमान में, भारत में यूरिया की कीमत 256 रुपये प्रति बोरी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 4,000 रुपये है। इसी तरह, डीएपी जो भारत में 1350 रुपये में मिलता है, विदेशों में 4200 रुपये के आसपास बिकता है। सरकार यूरिया पर 3700 रुपये और डीएपी पर 2500 रुपये की सब्सिडी दे रही है।