Government pension schemes:आगामी बजट 2024-25 को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में बड़ी उम्मीदें हैं। NCJCM स्टाफ साइड के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने वित्त मंत्री से कई महत्वपूर्ण मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया है। आइए जानें इन प्रमुख मांगों के बारे में:
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की वापसी चाहते हैं। नई पेंशन प्रणाली (NPS) से उनमें भविष्य की चिंता है। वे मानते हैं कि पुरानी योजना सामाजिक सुरक्षा का बेहतर साधन थी।
8वां केंद्रीय वेतन आयोग
सातवां वेतन आयोग 2016 से लागू है। अब महंगाई भत्ता (DA) 50% से ऊपर पहुंच गया है। इसलिए वेतन, भत्तों और पेंशन लाभों में संशोधन की मांग की जा रही है। कर्मचारी चाहते हैं कि 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द हो, ताकि 2026 से नई सिफारिशें लागू हो सकें।
पेंशन कम्यूटेशन की बहाली
वर्तमान में पेंशन कम्यूटेशन की बहाली 15 साल बाद होती है। कम ब्याज दरों के कारण, यह राशि 12 साल में ही वसूल हो जाती है। इसलिए बहाली अवधि 15 से घटाकर 12 साल करने की मांग है।
आयकर स्लैब में सुधार
कर्मचारी चाहते हैं कि आयकर स्लैब को तार्किक बनाया जाए। नए कर ढांचे में स्टैंडर्ड डिडक्शन, धारा 80C के तहत छूट और अन्य लाभ दिए जाएं। इससे बचत को प्रोत्साहन मिलेगा, जो अंततः देश के विकास में सहायक होगा।
पेंशनभोगियों को आयकर छूट
सेवानिवृत्ति के बाद आय कम हो जाती है, लेकिन खर्चे बढ़ जाते हैं। चिकित्सा व्यय भी अधिक होते हैं। इन कारणों से पेंशनभोगियों को आयकर से पूर्ण छूट देने की मांग की गई है।
बेहतर चिकित्सा सुविधाएं
CGHS और RELHS के तहत मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है। विशेष उपचार के लिए सरकारी और रेलवे अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की गई है। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी।
आवास ऋण वसूली में बदलाव
वर्तमान में विभागीय गृह ऋण की वसूली में पहले मूलधन और फिर ब्याज काटा जाता है। कर्मचारी चाहते हैं कि बैंकों की तरह EMI पद्धति अपनाई जाए, जिसमें शुरू से ही मूलधन और ब्याज दोनों की कटौती हो। इससे ऋण चुकाने में आसानी होगी।